गगन भरारी
3 फेब्रुवारी 2018 रोजी कोरेगाव येथील जायगाव चे सुपुत्र आणि भारतीय वायुसेनेत कार्यरत असताना शहिद झालेले जवान घनश्याम शिंदे यांना श्रद्धांजली म्हणून माझी ही कविता अर्पण.....
गगन भरारी
समंदर से गहरी आसमान से ऊंची
हर एक उड़ान थी उनकी
आम आदमी के दिल को छू ले
ऐसी सपनोंकी चढ़ान थी उनकी
हवा को कैद कर ले मुट्ठी में
ऐसा वीर था जायगांव का
पानी फाउंडेशन के लिये करता काम
नाम था एक ठंडी छाव का
आंखों से समंदर उतरे और ओठोंसे
अमर रहे घनश्याम शिंदे
अमर रहे घनश्याम शिंदे
सलाम लाख लाख बार इन्हें
कोरेगांव भूमि के ये जांबाज बंदे
नाम ही है उनका आकाश से
इस तरह था ऐसे जुड़ा
ऐसी भरी आखरी उड़ान
हर एक दिल रो कैसे पड़ा
हर एक आँख का आंसू
पलकों में ऐसे सिमटा
तिरंगे के तीन रंग में
वीर का बदन लिपटा
🇮🇳जय हिंद🇮🇳
शब्दरचना
✍✍✍✍✍
अजय द चव्हाण
उर्फ राहुल
खाकी वर्दीतील दर्दी कवी
8424043233
टिप्पण्या