Force One (Maharashtra)




*Force one*

शौर्य और कर्तुत्व की
परिभाषा हैं यह 
महाराष्ट्र पुलिस की जान 
फ़ोर्स वन हैं यह

छब्बीस नवंबर दो हजार आठ
वक्त कि वो पुकार थीं 
हम बनाएंगे ऐसा फ़ोर्स
इतिहास की वो ललकार थीं

वतन की रखवाली करे 
जीत का कर्मा हैं वह 
जंग के लिए सदैव तैयार
सांझा हुवां सूरमा हैं वह

यतः शौर्य ततो जय:
ब्रीद मैं उनका कहुँ
वतन के लिए बहे
रगों में दौड़ता लहू

शस्त्र के जादूगर वो
चीते सी दौड़ हैं 
रुख़ बदल दें तूफानों का
हर जवान की ये होड़ है

सूरज क्या जगाऐगा उनको
हुनर हीं उनको जगाता हैं 
वो एक कारवाँ हैं 
जो रास्तोंको भगाता हैं 

जब भी आएगी आफ़त मुल्क पर
दुश्मन कैसे बचेंगे वो
हम आँधी थे या थे तूफाँ
ख्वाबो में  भी सोचेंगे वो
✍️✍️✍️✍️✍️✍️
पोलीस उपनिरीक्षक
अजय दत्तात्रय चव्हाण
खाकी वर्दीतील दर्दी कवी
मो:- 8424043233

टिप्पण्या

Tushar Kasure म्हणाले…
खालून दुसरी ओळ खूप आवडली, सुरज क्या जगायेगा...👌
तस तर सगळीच कविता खूपच छान छान आहे
Unknown म्हणाले…
खूपच सुंदर ....
अप्रतिम
Unknown म्हणाले…
खुपच छान....अप्रतिम....

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