अजीब सा प्यार.....



*अजीब सा प्यार*

बेशुमार प्यार है हमसे
एक बार दिल से बोल दो
तभी आदेश आता है
सीखे हुए तरीके से
रायफल को खोल दो

चुभता है जब भी मुझे
तेरी जुदाई का काटा
तब याद आता है मुझे
वेपन का जनरल डाटा

तुझे दिल में ढूंढे कही 
इतनी फुरसत भी नहीं है
ग्रिड नार्थ को दर्शाती वो
बैंगनी रेखा वहीं है

कैसे निभाए हम बोलो 
प्यार में फिर भी वफाई
फुलत्रु दरी लेकर तब
होती है रायफल सफाई

चुपके के से जता देता प्यार
ए दिल भी शायद कायर
तभी हुक्म मिलता है
5 गोली एप्लिकेशन फायर

मुझपे जरूर चढ़ता तेरे
मोहब्बत के असर का जाम
तभी होता है सवाल मुझसे
AKM में रेट रेड्यूसर का क्या काम

उंगलियोंसे सुलझाता मैं
फिर भी तेरे बाल को
कैसे याद रखु सोचता हूं
इस वेपन की चाल को

अब तो तेरी मर्जी है तू
 दे दे मुझे जो भी फाइन
तेरा दिल भी लगता है मुझे
अब वो कन्वेंशनल साइन

तेरे मेरे प्यार की शायद 
यही एक परिभाषा है
तू समझ लेगी मुझे यकीनन
यही मेरी आशा है
✍✍✍✍✍✍✍
अजय दत्तात्रय चव्हाण
खाकी वर्दीतील दर्दी कवी
मो.8424043233

टिप्पण्या

या ब्लॉगवरील लोकप्रिय पोस्ट

सेवानिवृत्ती समारंभ

दुनियेची रीत