एक ही धर्म मानवता



एक ही धर्म मानवता

मंदिर मे भी जाते 
मस्जिद मे भी जाते 
ये जात पात के भेद
हमको नही  हैआते 

एक ही थाली मे हम
खाते है खाना
मानवता ही धर्म है
यही है हमे सिखाना

कभी दरगाह कभी मंदिर
 तो कभी बौद्ध विहार
एक होकर ही तो हम
मनाते हर त्योहार 

इस जाती पाती के
जंजीर मे हमे नही है जकडना 
एक होकर ही है
हम सबको आगे बढ़ना

क्यो उलझते रहते है हम
आपस के ही झगड़े मे
मोके का गलत फायदा उठाते है
कुछ लोग ऐसे ही बिगड़े मे

अजय तो यही कहता है
बंद करो ये भेद जाती पातीका 
हो कोनसे भी धर्म का 
साथ न छोड़ो अपने साथिका

ना बाटो तुम मानवता को
निले भगवे ओर हरे रंग मे
लहू का एक ही रंग है 
हर एक इन्सान के अंग मे

🙏�🙏�🙏�🙏�🙏�
अजय दत्तात्रय चव्हाण
उर्फ राहुल
खाकी वर्दीतील दर्दी कवी
8424043233

टिप्पण्या

या ब्लॉगवरील लोकप्रिय पोस्ट

जी होती मनात...

संधी

सेवानिवृत्ती समारंभ