*शादी की दसवीं सालगिरा मुबारक*





*शादी की दसवीं सालगिरा मुबारक*

लिख सकू प्यार की दास्तान
ओ कलम कहासे लाऊ
पाके तुझ जैसा सनम 
तुझपे ही मर मिट जाऊ

शहनाई की सुर से उस दिन
गूंज उठा था सारा आसमान
सात फेरोंसे ही बनी थी तू
मेरे दिल की प्यारी मेहमान

अजय और आरती का
नाम जोड़ा गया साथ में
खुशी से झूम उठा था दिल
जब हात थमाया हात में

अनुज और अनुष्का हमारी
साँसों का एक एहसास है
किसी भी त्योहार से प्रिये
आज का दिन ये खास है

दस साल का ये सफर 
दिल की धड़कनों से चलता आया
तेरी आँखों से ओझल प्यार
मुझे हर घड़ी मिलता गया 

इस आंखों से झलकते प्यार की
दिल मे एक तसबीर है
इस अजय नाम के रांझा की
आरती तू ही एक हीर है


✍✍✍✍✍
अजय दत्तात्रय चव्हाण
उर्फ (राहुल)
खाकी वर्दीतील दर्दी कवी
8424043233

टिप्पण्या

Unknown म्हणाले…
Happy Anniversary
खुप छान कविता 😊

या ब्लॉगवरील लोकप्रिय पोस्ट

सेवानिवृत्ती समारंभ

दुनियेची रीत