भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को मेरे इस कविता से सद्भावनापूर्वक श्रद्धांजली अर्पित करता हूं.....
*अटल बिहारी वाजपेयी*
मरते नहीं है वो कभी, दिल और दिमाग में से
उनके विचारोंकी धारा अटल है ,कायनात से..
उनके शब्दोंमें यारों ,होती थी इतनी जान
सुनकर पत्थरोंके भी ,जाग जाते अरमान
उनके अस्तित्व को दोहराएगी ,मेरी ये कविता बार बार
मृत्य के सामने भी लब्जो ने उनके ,कभी मानी नहीं ना हार
वत्कृत्व सेआँधी तूफ़ानोंके भी , छूट जाते थे पसीने
गर्व से फूलते हमारे ,देश के युवाओं के सिने
ओ एक रत्न थे भारत के ,अटल ही रहेगा उनका नाम
अनाथ बना गयी भारतवासियोंको ,आज की वो ढ़लती श्याम
आँखों से आसुवोंको तुम ,अब होने देना ना ओझल
हर एक दिल मे जिंदा रहेगी उनके रूप में मेरी ये गझल
अभी तो लिपटे है वो ,तिरंगे की लिबासों में
सदियों तक जिंदा रहेंगे वो ,हमारी फूलती सांसो में
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अजय दत्तात्रय चव्हाण
प्रशिक्षक पो.हवा.१९४
पो.प्र.केंद्र मरोळ, मुंबई
पो.प्र.केंद्र मरोळ, मुंबई
(खाकी वर्दीवाला दर्दी कवी)
मो. 8424043233
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